सभी के सिम का नंबर अलग अलग होता है। कई बार ऐसा होता है कि हमारे एरिया में टावर की दिक्कत के कारण या फिर किसी भी अन्य प्रकार की प्रॉब्लम के कारण हमें सिम चेंज करने की आवश्यकता पड़ती है। आज इस पोस्ट में जानेंगे कि ,Mobile Number Kaise Port Karen Online?
पहले के समय में हमें सिम बदलने पर हमारा नंबर भी चेंज करना पड़ता था? परंतु आज के समय में हम जो नंबर वर्तमान में चला रहे हैं, उसी नंबर को किसी अन्य कंपनी से Port कर सकते हैं।
जैसे अगर आप आइडिया की सिम चला रहे हैं, तो आपका जो आईडिया की सिम का नंबर है,वह आप वोडाफोन कंपनी में चेंज कर सकते हैं। इसके बाद आपको सारी सर्विस वोडाफोन की कंपनी देगी। इस आर्टिकल में हम आपको “mobile number port kaise karen online”,इसकी इंफॉर्मेशन दे रहे हैं।
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मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी क्या है?
आसान शब्दों में कहा जाए तो mobile number portability एक ऐसी सुविधा है, जिसका इस्तेमाल करके हम अपना फोन नंबर तो वही रखते हैं, जिसका इस्तेमाल हम पहले से करते आ रहे हैं परंतु हम उस कंपनी को चेंज कर सकते हैं जिसका फोन नंबर हम इस्तेमाल कर रहे हैं।
उदाहरण के स्वरूप अगर आप एयरटेल की कंपनी का सिम कार्ड इस्तेमाल कर रहे हैं और आपको ऐसा लगता है कि एयरटेल की कंपनी आपको अच्छी सुविधा नहीं दे रही है या फिर किसी भी अन्य कारण से आप एयरटेल कंपनी की सर्विस से खुश नहीं है और आप वोडाफोन की वोडाफोन की सर्विस लेना चाहते हैं, तो आप एयरटेल वाले फोन नंबर पर ही वोडाफोन की सर्विस प्राप्त कर सकते हैं।
इसके लिए आपको mobile number portability करवानी होगी। मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की रिक्वेस्ट डालने के बाद जब सारी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, तो आप अपने एयरटेल कंपनी वाले नंबर पर ही वोडाफोन कंपनी की सभी सुविधा प्राप्त करेंगे।
मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी कब जरूरी होती है?
मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी तब जरूरी होती है,जब एक ग्राहक को उस कंपनी की तरफ से अच्छी सुविधाएं प्राप्त नहीं होती है,जिसके सिम का वह इस्तेमाल कर रहा है। इसके अलावा भी अन्य कई कारण है जिसके द्वारा मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी करवाई जाती है,जैसे कि:-
– महंगे इंटरनेट रिचार्ज का होना
– अच्छा टावर ना आना
– सिग्नल ना पकड़ना
– ग्राहक सेवा का सपोर्ट ना मिलना
– रिचार्ज प्लान का महंगा होना।
मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी के लिए डॉक्यूमेंट क्या है?
अगर आप मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो आपको बता दें कि इसके लिए मुख्य तौर पर जो डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होती है,वह आपका Aadhar card, passport size photo चाहिए।
यही 2 मुख्य डॉक्यूमेंट मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी के लिए मांगे जाते हैं।
मोबाइल नंबर पोर्ट कैसे करें? – Mobile Number Kaise Port Karen Online?
मोबाइल नंबर को पोर्ट करने के लिए आप MNP process का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा मोबाइल नंबर पोर्ट करने से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान रखना है, जैसे कि आपका सिम कार्ड कम से कम 3 महीने पुराना होना चाहिए और उसके अंदर थोड़ा बैलेंस भी होना चाहिए।
अगर आपका सिम कार्ड 3 महीने पुराना है और उसके अंदर बैलेंस है, तो नीचे दिए गए स्टेप को फॉलो करके आप मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी करवा सकते हैं।
1: मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी करवाने के लिए सबसे पहले आपको अपने फोन के message box में जाना है।
2: मैसेज बॉक्स में जाने के बाद आपको
Port <SPACE> फिर आपका मोबाइल नंबर लिखकर 1900 नंबर पर मैसेज भेजना है।
उदाहरण: (Port-स्पेस-आपका फोन नंबर-1900 पर भेजें)
3: इतनी प्रक्रिया करने के बाद आपके फोन पर एक एसएमएस आएगा,इसमें एक UPC code लिखा होगा। आपको बता दें कि यह सिर्फ 15 दिनों के लिए ही मान्य होता है।
4: यूपीसी कोड को प्राप्त करने के बाद आप जिस किसी भी Telecom provider में अपने सिम नंबर को पोर्ट करवाना चाहते हैं, आपको वहां के स्टोर पर जाना है।
5: स्टोर पर जाने के बाद आपको अपनी पासपोर्ट साइज का फोटो, यूपीसी कोड और एक identity proof स्टोर के कर्मचारियों को देना है और उनसे कहना है कि आप अपना फोन नंबर पोर्ट करना चाहते हैं।
6: इसके बाद स्टोर के कर्मचारी आपके यूपीसी कोड और आवश्यक डॉक्यूमेंट को वेरीफाई करेंगे और यूपीसी कोड और डॉक्यूमेंट verify होने के बाद स्टोर के कर्मचारियों की तरफ से आपको एक new SIM card दिया जाएगा।
जो 1 या 2 दिन के अंदर एक्टिवेट हो जाएगा और आपका जो old SIM card है, वह बंद हो जाएगा।
इस प्रकार आप अपने पुराने फोन नंबर को ही अपनी पसंद के नए टेलीकॉम ऑपरेटर के साथ इस्तेमाल कर पाएंगे और new telecom provider की सर्विस का फायदा ले पाएंगे।
मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी करवाने के फायदे क्या है?
मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी करवाने के फायदे निम्नानुसार है।
• पहले के टाइम में हम एक ही सर्कल में मोबाइल को एक कंपनी से किसी दूसरी कंपनी पर Port कर सकते थे। यानी कि हम उत्तर प्रदेश के नंबर को उसी राज्य में बदल सकते थे, परंतु अब मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी हम किसी भी राज्य में करवा सकते हैं।
• मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी करवा कर हम अपने प्रीपेड अकाउंट को पोस्टपेड में बदल सकते हैं अथवा पोस्टपेड अकाउंट को प्रीपेड अकाउंट में चेंज कर सकते हैं।
• मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी से हम cdma से GSM में भी सिम नंबर चेंज करवा सकते हैं।
• मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी का इस्तेमाल करने से यूजर को सिटी बदलने के बावजूद भी अपना फोन नंबर नहीं बदलना होगा, वह जिंदगी भर एक ही फोन नंबर का यूज कर सकते हैं।
मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी के संबंधित जरूरी बात!
एक बार जब मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की रिक्वेस्ट डालने के बाद आपको यूपीसी कोड प्राप्त होता है, तो उसका समय रहते इस्तेमाल कर लेना चाहिए वरना वह 15 दिन के बाद रद्द हो जाता है।
जिसके बाद आपको फिर से अगर मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी करवानी है, तो यूपीसी कोड के लिए अप्लाई करना पड़ता है।
जब किसी व्यक्ति का फोन नंबर पोर्ट हो जाता है तो कुछ टाइम के लिए नई कंपनी का नाम/नंबर नहीं आता है। जैसे कि जब आप ऑनलाइन अपना फोन रिचार्ज करते हैं तब नंबर डालते ही ऑटोमेटिक आपका नेटवर्क और आपका सर्किल आ जाता है, परंतु मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी करवाने के बाद कई बार हमें कुछ समय के लिए सर्कल और नेटवर्क प्रोवाइडर की कैटेगरी खुद ही भरनी पड़ती है।
अगर किसी यूज़र के पुराने बिल बाकी है और उसका नंबर पोर्ट हो चुका है, तो उसे बिल को भरने के लिए 3 महीने का टाइम दिया जाता है। अगर यूजर 3 महीने में बिल नहीं भरता है तो उसका नंबर बंद कर दिया जाने का प्रावधान है।
मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी करवाने के बाद आपको अगर फिर से अपने नंबर को किसी अन्य कंपनी में पोर्ट करवाना है, तो आपको 3 महीने तक का इंतजार करना पड़ेगा।
जब किसी भी कंपनी के द्वारा मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की प्रोसेस चालू की जाती है, तब 2 से ढाई घंटे के लिए सिम नंबर बंद कर दिया जाता है।